Table of Content
- सरकारी एजेंडा: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त शिक्षा
- एसएटीएचईई पोर्टल: छात्रों को मिलेगा मुफ्त डिजिटल संसाधन
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव
- सरकार की योजना: 2029 तक 12.5 लाख छात्रों की सहायता
- डिजिटल शिक्षा का विस्तार और SWAYAM पाठ्यक्रम
- निष्कर्ष
1. सरकारी एजेंडा: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त शिक्षा
- सरकार की नई पहल: छात्रों को निजी कोचिंग पर निर्भरता कम करने का उद्देश्य
- 2029 तक 12.5 लाख छात्रों को सहायता
- मुफ़्त डिजिटल संसाधन और AI-आधारित शिक्षण उपकरण
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। भारत सरकार निजी कोचिंग पर छात्रों की अत्यधिक निर्भरता को कम करने के लिए एक नई एजेंडा पेश करने जा रही है। यह विशेष रूप से कम आय वाले परिवारों से आने वाले छात्रों के लिए एक बड़ी मदद साबित हो सकता है, जो अक्सर महंगी कोचिंग फीस का खर्च नहीं उठा सकते। सरकार का लक्ष्य 2029 तक 12.5 लाख छात्रों को इस योजना के तहत सहायता प्रदान करना है, जिससे उनकी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में सहारा मिलेगा।
इस पहल के तहत, सरकार मुफ़्त डिजिटल संसाधन, AI-आधारित शिक्षण उपकरण और इंटरनेट पर उपलब्ध उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान करने का वादा कर रही है। साथ ही, प्रमुख शैक्षिक संस्थानों के साथ मिलकर इस योजना को अमल में लाने की योजना है।
2. एसएटीएचईई पोर्टल: छात्रों को मिलेगा मुफ्त डिजिटल संसाधन
- SATHEE पोर्टल का लॉन्च
- मुफ़्त डिजिटल शिक्षा और AI-आधारित टूल्स
- IIT और AIIMS के साथ सहयोग
हाल ही में, राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने SATHEE पोर्टल लॉन्च किया है। यह पोर्टल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए मुफ़्त डिजिटल संसाधन और AI-आधारित शिक्षण उपकरण प्रदान करेगा। इस पोर्टल के जरिए छात्रों को DTH प्लेटफ़ॉर्म पर टीवी चैनलों और ऑनलाइन सामग्री तक पहुंच प्राप्त होगी। इसके अलावा, IIT और AIIMS जैसे संस्थानों के साथ सहयोग से उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी।
SATHEE पोर्टल का मुख्य उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी को लोकतांत्रिक बनाना है, ताकि हर छात्र को समान अवसर मिले, चाहे वह किसी भी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से क्यों न आता हो।
3. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव
- NEP 2020 के तहत सुधार
- डिजिटल शिक्षा का विस्तार
- स्वयं पोर्टल और नई रणनीतियाँ
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत, सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में कई अहम सुधारों की योजना बनाई है। इस नीति का उद्देश्य डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना और ज्ञान तक समान पहुंच सुनिश्चित करना है। इसके तहत, SWAYAM पोर्टल पर ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे, जो छात्रों को फ्री ऑनलाइन एजुकेशन प्रदान करेंगे।
NEP 2020 के तहत, निजी कोचिंग पर निर्भरता कम करने और मुफ़्त शिक्षा संसाधन उपलब्ध कराने की पहल की जा रही है, ताकि छात्रों को अधिक लोकतांत्रिक तरीके से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिल सके।
4. सरकार की योजना: 2029 तक 12.5 लाख छात्रों की सहायता
- 12.5 लाख छात्रों को सहायता प्रदान करने का लक्ष्य
- प्रमुख शैक्षिक संस्थानों के साथ सहयोग
- मुफ़्त शिक्षा और संसाधन
सरकार की योजना है कि 2029 तक 12.5 लाख छात्रों को मुफ़्त डिजिटल शिक्षा और AI-आधारित संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। इस पहल का उद्देश्य वंचित क्षेत्रों के छात्रों को कॉम्पिटिटिव एजुकेशन में एक समान अवसर प्रदान करना है। इसके तहत, मुफ़्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम और शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे छात्रों को कोचिंग की महंगी फीस से मुक्ति मिलेगी।
साथ ही, सरकार आईआईटी, आईआईएमएस जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ मिलकर शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए काम कर रही है।
5. डिजिटल शिक्षा का विस्तार और SWAYAM पाठ्यक्रम
- डिजिटल शिक्षा का विस्तार
- SWAYAM पाठ्यक्रमों के माध्यम से नए नामांकन
- नई नामांकन रणनीतियाँ
डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने SWAYAM पोर्टल पर दो प्रमुख नए नामांकनों का लक्ष्य रखा है। अगले पांच वर्षों में, सरकार का उद्देश्य SWAYAM प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से छात्रों को बेहतर और सुलभ ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करना है। इसके साथ ही, शिक्षा मंत्रालय डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में नई रणनीतियाँ लागू करने की योजना बना रहा है, ताकि छात्रों को बिना किसी बाधा के सीखने और तैयारी का समान अवसर मिले।
6. निष्कर्ष
सरकार की यह पहल छात्रों को मुफ़्त डिजिटल संसाधन, AI-आधारित शिक्षण उपकरण और प्रमुख संस्थानों की शिक्षा सामग्री तक पहुंच प्रदान करके प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी को सुलभ और लोकतांत्रिक बनाएगी। इससे छात्रों को निजी कोचिंग पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होगी, और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने के समान अवसर मिलेंगे। सरकार का यह कदम 12.5 लाख छात्रों की मदद करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर वंचित क्षेत्रों के छात्रों के लिए।